आपने डिप्लोमा कोर्स के संदर्भ में पॉलिटेक्निक कोर्स तो जरूर सुना होगा और यह 10th पास उम्मीदवारों के बीच काफी प्रचलित है क्योंकि पॉलिटेक्निक कोर्स एक बेहतरीन करियर तथा कम समय में नौकरी के अवसर की प्राप्ति का मार्ग है इसीलिए दसवीं के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स करने के कई फायदे हैं। आइए जानते हैं दसवीं के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स कैसे करें, अवधि,फीस तथा इसके फायदे।
Polytechnic Course क्या है?
पॉलिटेक्निक कोर्स डिप्लोमा कोर्सेज में अपनी महत्वपूर्ण पहचान हासिल करता है क्योंकि यह एक तकनीकी कोर्स है जिससे आप किसी भी एक तकनीकी कौशल में अव्वल हो जाते हैं और इसके बाद आप कम समय में निजी तथा सरकारी संस्थान में नौकरी कर सकते हैं। पॉलिटेक्निक कोर्स का अर्थ इंजीनियरिंग में डिप्लोमा है।
पॉलिटेक्निक कोर्स के माध्यम से जूनियर लेवल के इंजीनियर को मौका दिया जाता है ताकि वह तकनीकी कौशल को सिखकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। साधारण भाषा में कहे तो जैसे कॉलेज में बीटेक करने वाले विद्यार्थी इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करते हैं
तो वैसे ही पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा करने वाले उम्मीदवार इंजीनियरिंग का सर्टिफिकेट हासिल करते हैं। पॉलिटेक्निक कोर्स के माध्यम से उम्मीदवार निजी तथा सरकारी संस्थानों में जूनियर इंजीनियर लेवल के पदों पर नियुक्त किए जाते हैं।
पॉलिटेक्निक कोर्स के लिए योग्यता
यदि आप पॉलिटेक्निक कोर्स करना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित योग्यताओं को पूरा करना होगा-
- दसवीं कक्षा में मान्यता प्राप्त विद्यालय से सर्टिफिकेट प्राप्त होना चाहिए।
- यदि आप बारहवीं कक्षा के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स करते हैं तो आपको 12वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम में फिजिक्स केमिस्ट्री तथा गणित में अच्छे अंको से पास होना आवश्यक है।
10वीं के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स कैसे करें?
वैसे तो पॉलिटेक्निक का कोर्स 12वीं कक्षा के बाद भी किया जा सकता है लेकिन इसका सबसे महत्वपूर्ण लाभ दसवीं कक्षा के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स करने से ही मिलता है क्योंकि पॉलिटेक्निक कोर्स के पाठ्यक्रम में दसवीं कक्षा के सवाल जवाब ही पूछे जाते हैं और राज्य स्तर पर हर साल पॉलिटेक्निक कोर्स में प्रवेश परीक्षा के लिए फॉर्म निकाले जाते हैं
तथा दसवीं कक्षा के बाद विद्यार्थी पॉलिटेक्निक कोर्स प्रवेश परीक्षा के फॉर्म भर सकते हैं। हालांकि आप यदि पॉलिटेक्निक कोर्स प्रवेश परीक्षा को पास कर लेते हैं तो आप इन अंको के आधार पर किसी बड़े विश्वविद्यालय में भी भाग ले सकते हैं। भारत में निम्नलिखित 2 तरीके से पॉलिटेक्निक कोर्स कराए जाते हैं –
- टेक्निकल डिप्लोमा प्रोग्राम
- नॉन टेक्निकल डिप्लोमा प्रोग्राम
चलिए हमने पॉलिटेक्निक प्रोग्राम हो तो जान लिया और अब पॉलिटेक्निक प्रोग्राम के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले कोर्स इसकी जानकारी भी साझा कर लेते हैं जो कि नीचे दी गई है-
1. कंप्यूटर प्रोग्राम डिप्लोमा
पॉलिटेक्निक प्रोग्राम में सबसे महत्वपूर्ण कोर्स कंप्यूटर प्रोग्राम डिप्लोमा होता है। इस कोर्स के अंतर्गत उम्मीदवार को कंप्यूटर संबंधित डिवाइस, ऐप्स तथा कनेक्टिविटी एवं टेक्निकल एजुकेशन तथा कंप्यूटर की भाषाएं जैसे Java, C++, NET, SQL आदि संबंधित जानकारी दी जाती है। इसके अलावा नई मोबाइल तकनीक तथा कंप्यूटर तकनीक से संबंधित जानकारी भी जोड़ी जाती है। यह कोर्स 2 साल का होता है जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम डिप्लोमा में सर्टिफिकेट प्राप्त होता है।
2. ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट इन मार्केटिंग मैनेजमेंट
पॉलिटेक्निक प्रोग्राम में यह सबसे महत्वपूर्ण पोस्ट में से एक माना जाता है क्योंकि वह 1 वर्ष का ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट प्रदान करता है। मार्केटिंग मैनेजमेंट ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट प्रोग्राम में विद्यार्थी को डिजिटल मार्केटिंग, एसईओ, सोशल मीडिया तकनीक तथा अन्य मार्केटिंग स्किल्स आदि से संबंधित जानकारी प्रदान की जाती है।
3. पैट्रोलियम इंजीनियरिंग डिप्लोमा
पॉलिटेक्निक प्रोग्राम में पैट्रोलियम इंजीनियरिंग डिप्लोमा काफी महत्वपूर्ण है और यह 2 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है जिसमें विद्यार्थी को तेल, गैसीय उपकरण, तेल और गैस का प्रभाव तथा पर्यावरण संरक्षण एवं आदि संबंधित जानकारी प्रदान की जाती है। पैट्रोलियम इंजीनियरिंग डिप्लोमा के माध्यम से तेल तथा गैस के कौशल का संपूर्ण ज्ञान प्रदान किया जाता है। पैट्रोलियम इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स करके उम्मीदवार इंटर्नशिप तथा किसी पद पर नियुक्त हो सकता है तथा भारतीय पेट्रोलियम में भी आवेदन कर सकता है।
10वीं के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स करने के फायदे
दसवीं के बाद पॉलिटेक्निक कोर्स करने के फायदे निम्नलिखित हैं-
- पॉलिटेक्निक संबंधित किसी भी प्रोग्राम में सर्टिफिकेट हासिल होने पर आप किसी एक तकनीकी कौशल में अव्वल माने जाते हैं।
- पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद आप बड़े सरकारी संस्थानों जैसे भारतीय पेट्रोलियम, आईआईटी, आईटीआई जैसे सरकारी संस्थानों में लोको पायलट, जूनियर लेवल इंजीनियर आदि पदों पर नियुक्त हो सकते हैं।
- पॉलिटेक्निक कोर्स करने के बाद आपको संबंधित संस्थान में जल्द से जल्द जॉब मिलने के 100% चांस होते हैं।
- पॉलिटेक्निक कोर्स को इंटरमीडिएट की तरह ही मान्यता प्राप्त होती है।
- पॉलिटेक्निक कोर्स करने से आप एक सामान्य इंटरमीडिएट विद्यार्थी की तुलना में ज्यादा कौशल हासिल करते हैं इसलिए आप विशेष तौर पर स्किल हासिल करने की वजह से विशेष इंटरमीडिएट विद्यार्थी कहलाते हैं।
- यदि आप पॉलिटेक्निक कोर्स 10वीं के बाद करते हैं तो आपको विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के लिए सीधे तौर पर बीटेक के दूसरे वर्ष में दाखिला मिल जाता है।
- पॉलिटेक्निक कोर्स करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यदि कोई उम्मीदवार कम समय में कौशल प्रदान करके रोजगार के अवसर प्रदान करना चाहता है या फिर वह किसी वजह से कॉलेज की पढ़ाई नहीं कर सकता है तो वह दसवीं के बाद किसी भी एक कौशल में पॉलिटेक्निक कोर्स के माध्यम से तकनीकी ज्ञान को हासिल कर सकता है और यदि विद्यार्थी कॉलेज की अधिक फीस देने में सक्षम नहीं है तो वह पॉलिटेक्निक कोर्स में कम फीस के माध्यम से तकनीकी ज्ञान को भी हासिल कर सकता है जिससे उसको एक सर्टिफिकेट प्रदान होगा और इस सर्टिफिकेट के माध्यम से पूरे भारत में निजी तथा सरकारी संस्थान में नौकरी कर सकेगा।
- पॉलिटेक्निक कोर्स में तकनीकी ज्ञान पर ही विशेष ध्यान दिया जाता है इसीलिए यह एक इंजीनियर के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
- पॉलिटेक्निक कोर्स से भारत की उम्मीदवार तकनीकी कौशल में अग्रसर हो रहे हैं तथा जिससे भारत टेक्निकल दुनिया में अपना नाम कमा रहा है।
- पॉलिटेक्निक कोर्स करने से एक तकनीकी ज्ञान हासिल हो जाता है जिससे उम्मीदवार को कभी भी नौकरी के लिए चिंतित नहीं होना पड़ता है।